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Showing posts from February, 2019
जंग विश्व में कोई न छेड़े.. पैग़ाम-ए-प्यार फैलातें रहें! - मनोज 'मानस रूमानी'
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गुज़ारिश!  गोलियों के धमाके ना हो..  रबाब की मधुर धुनें सुनाई दे पत्थरों की बौछार ना हो.. वादियों में ग़ुल फिर खिलनें दे  दहशत का माहौल ना हो..  नज़ारा दिलक़श फिर दिखाई दे नफ़रतों की आँधियाँ दूर हो..  हब्बा ख़ातून के गीत सुनाई दे - मनोज 'मानस रूमानी'
'वैलेंटाइन डे' पर..दिल चाहे नफरत मिटे, भाईचारा जागे प्यार फैले..सारे जहाँ में..! - मनोज 'मानस रूमानी'
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प्यार के अल्फ़ाज़ जहां रूकतें हैं   वहां सिर्फ होठों से होठ मिलतें हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
एक हो जातीं हैं दो दिलों की धड़कनें जब गले मिलतें हैं प्यार करनेवालें! - मनोज 'मानस रूमानी'
करे वादा हुस्न और इश्क़ 'होंगे कभी जुदा ना हम'! - मनोज 'मानस रूमानी'
नहीं रिझाया जाता उन्हें  किसी चीज़ से इश्क़ में!  दीदार जरुरी है उनका  जिसे वह चाहते हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
मोहब्बत में मिठास तब आती हैं  जब हुस्न इश्क़ के आगोश में हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
जहान ख़ूबसूरत रंगीन होता हैं.. जब हुस्न इश्क़ को अपनाता हैं! - मनोज 'मानस रूमानी' [वैलेंटाइन्स..प्रोपोज़ डे मुबारक़!]
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वैलेंटाइन्स..रोज़ डे पर लिखा.. उसे कौनसा नज़र करे ग़ुलाब? ज़ीनत है वह गुलशन-ए-हुस्न! - मनोज 'मानस रूमानी'
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वैलेंटाइन्स दिनों में रोज मेरी ऐसी रूमानी शायरी यहाँ आएगी..  "या हबीबी.. तुम ही हो जहाँ-ए-इश्क़ सुकून-ए-दिल और हयाती!"    - मनोज 'मानस रूमानी
शबाब आप पर हमेशा मेहरबान रहें  हमारी रूमानी शायरी बरक़रार रहें!      - मनोज 'मानस रूमानी'