Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps November 06, 2017 देखता हूँ एक चेहरा ख़ूबसूरत.. रहेता है अक़सर गुमसुम मायूस कैसे खिलेंगी इस पर तबस्सुम? शायद मोहब्बत हो इसका हल! - मनोज 'मानस रूमानी' Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
June 09, 2021 बाग़-ए-हुस्न की आप ज़ीनत ही रहें शबाब आप का प्यार से महकता रहें - मनोज 'मानस रूमानी' (मेरी पसंदीदा ख़ूबसूरत अदाकारा सोनम कपूर को सालगिरह की मुबारक़बाद!) Read more
December 08, 2023 आरज़ू-ए-इश्क़! आसमाँ में सब तऱफ चाँदनियाँ छा गई है.. हमारा हसीन तारा अब नज़र आए कहीं से! - मनोज 'मानस रूमानी' Read more
November 12, 2023 धन-दौलत का बाजार बनी हैं दुनिया सौदा-ए-इल्म यहाँ नहीं हो सकता! - मनोज 'मानस रूमानी' Read more
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