
आज देख रहे ब्लू मून, रेड मून.. रंग चाँद के.. जो थे ही शीतल नीला, रूमानी गुलाबी इसके! और सबसे अहम् .. धर्म-जात, रूप-रंग, अमीर-गरीब न देखके.. सबको अमन की रोशनी देने है वो आसमाँ में! - मनोज 'मानस रूमानी'
मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).