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Showing posts from January, 2021
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शबाब आपका यूँ बरक़रार रहें तबस्सुम रुख़ पर खिलती रहें दिलकश गुल वहां लुभाता रहें शोख़ हुस्न की ज़ीनत ही रहें! - मनोज 'मानस रूमानी' (सालगिरह मुबारक़ पसंदीदा अदाकारा..प्रीति ज़िंटा!)
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महज पत्तें नहीं होतें वे पतझड़ में जो गिरतें हैं दरअसल वो तरीका होता है पेड़ फूलने का नये सिरे से! सोचा, इस मंज़र से गुज़रते.. हम भी छोड़े ऐसी पुरानी बातें जीने की नयी राह तराश लें.. अपनी ज़िंदगी हसीन कर ले! - मनोज 'मानस रूमानी'
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जानते थे वे "जय किसान" कहने वाले किसानों का प्यार का रिश्ता फ़सल से  - मनोज 'मानस रूमानी' (आज हमारे भारत के गणतंत्र दिवस पर, अपने वे सादगी भरे दूसरे प्रधानमंत्री.. श्री लाल बहादुर शास्त्री याद आएं!)
सापशिडीचा खेळ झालेय हे जीवन साप पुढे येतो..जरा शिडी चढताच! - मनोज 'मानस रुमानी'
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कभी साथी रहतें हैं हमनफ़स की तरह ना होती हैं हमसफ़र होने की सोच तब ख़ामोश इश्क़ जानने होती है देर अक़्सर सिवाय दर्द-ए-फ़ुर्क़त कुछ न रहता तब - मनोज 'मानस रूमानी'
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गाँधीजी की छाया बनके अहिंसा सत्याग्रह में रहे आज़ादी के आंदोलन में सरहद गाँधी पुकारे गये - मनोज 'मानस रूमानी'   (अपने स्वतंत्रता संग्राम के धर्मनिरपेक्ष सत्याग्रही ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान साहब को उनके स्मृतिदिन पर सुमनांजलि!🙏)
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बेदाद के अफ़सानें जो दबें होतें थें मंटो की कलम से वे बयां होतें थे! - मनोज 'मानस रूमानी' (समाज की वास्तविकता से जुड़े उर्दू के मशहूर कहानीकार सआदत हसन मंटो जी को उनके स्मृतिदिन पर सलाम!)
लोहड़ी, बिहु, पोंगल और संक्रांति हरीभरी मीठी करे सबकी ज़िंदगी - मनोज 'मानस रूमानी'
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यूँ तो आसमाँ के सितारें.. सब देखां करतें हैं जमीं से करतें हैं सफर भी सपनों में! वो राकेश शर्मा ही होते है, जो उनसें रु-ब-रु होते है.. उनमें एक सितारा बनते है! - मनोज 'मानस रूमानी'     ['अशोक चक्र' से सम्मानित, अपने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री (उम्र ७० का पड़ाव पार किए) श्री. राकेश शर्माजी को जनमदिन की मुबारक़बाद!]
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इंदिराजी की लाड़ली पोती उनकी प्रतिरूप ही जैसी! उनके नक़्श-ए-क़दम चलो.. सालगिरह मुबारक़ प्रियंकाजी! - मनोज 'मानस रूमानी' 'भारतीय कांग्रेस' की महासचिव मिसेस प्रियंका गाँधी-वाड्रा को जनमदिन की शुभकामनाएं!
'विश्व हिंदी दिवस' यूँ मनातें रहें हम जुड़ी रहे यह अपनी भाषा बहनों संग - मनोज 'मानस रूमानी'
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मौसम की बेरुख़ी! अब तक हम थें जिन्होनें वक़्त पर कुछ नहीं किया अब मौसम भी हैं बिगड़ें बेवक़्त बरसने लगी वर्षा कड़ी धुप पड़ती बारिश में कभी जाड़ों में गर्म हवा! ग़र हम सब वक़्त पर करें मौसम भी हमें देंगे सदा! - मनोज 'मानस रूमानी'
वो ही तो थी सुकून-ए-दिल के लिये कहाँ जाएगा 'मानस' गर वो भी न रहे - मनोज 'मानस रूमानी'
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नाम की तरह था इरफ़ान इल्म पर ही चलता इंसान मुख़्तलिफ़ क़िरदार निभातें अपना ज़मीर संभाला इंसान - मनोज 'मानस रूमानी' (लाजवाब अदाकार इरफ़ान ख़ान को सालगिरह पर याद करतें!)
बेज़ुबान प्यार कई बार दब जाता है कभी ना इज़हार से तो कभी औरों से - मनोज 'मानस रूमानी'
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मिले जब भिन्न सिनेमा के दिग्गज प्रतिमा और यथार्थ का हुआ टकराव बड़ी फ़िक्र थी उन्हें मिलानेवाले को कैसे निकलेगा इसमें सुवर्णमध्य? - मनोज 'मानस रूमानी' (गोविंद निहलानी की फ़िल्म 'देव' (२००४) के सेटपर उनके साथ अमिताभ बच्चन-ओम पुरी!)
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पीड़ितों की दबी आवाज़ थी वो आँखों में अंगारें लिएं था वो - मनोज 'मानस रूमानी' (जबरदस्त कलाकार ओम पुरी के  ४ थे स्मृतिदिन पर!)
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नशीली आँखों से छलकती ये इश्क़ की अदा हुस्न-ए-मस्तानी पर क्यूँ न होता वो फ़िदा - मनोज 'मानस रूमानी' (बॉलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण की सालगिरह पर लिखा!)
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हम जिने के लिए तो रहता है दिल धड़कता वो प्यार होता है किसी के लिए वह धड़कना - मनोज 'मानस रूमानी'
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  नया साल २०२१ सबको मुबारक़! - मनोज कुलकर्णी