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Showing posts from January, 2022
दिन तो यूँ गुज़र रहें हैं वैसे भी.. हमनफ़स खोने की लिए बेचैनी - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़त्म शरीर होता हैं, विचार जिंदा रहतें हैं अमर हैं कई महात्माएं अपने विचारों से! - मनोज 'मानस रूमानी'
साइकिल दौड़े या हाथ कमाल दिखाएं सेक्युलर कोई भी केसरिया को हराएँ!  - मनोज 'मानस रूमानी'
हमसे भी कोरोना ने की मुलाकात और हमने भी दे दी उसको मात! - मनोज 'मानस रूमानी'
शान-ए-तिरंगा 🇮🇳 आबाद रहे यौम-ए-जमहुरिया मुबारक़ रहे - मनोज 'मानस रूमानी'
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फ़िक्र करते ग़र होते यूसुफ़ साहब अपनी इस बहन की ख़ैरियत की! बरसों से बंधी राखी जिस हाथ पर दुआ भेजेगा लता जी की सेहत की! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपनी स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकरजी और अभिनयसम्राट दिलीपकुमारजी का ऐसा अनोखा रिश्ता!)
डार्विन सिद्धांत को वह नहीं मानते.. जो (केसरिया) ले जा रहें वहीँ पीछे.! - मनोज 'मानस रूमानी'
अफ़साना प्यार का कोई कैसे लिखें इज़हार न किए फ़सानें हो जिसके! - मनोज 'मानस रूमानी'
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आलम जब इंतिशार का हैं रुख़ भी उसमे ढल गया हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
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ख्वाबों के आसमाँ में उड़ती रहती हर किसी की ज़िन्दगी की पतंग.. ख़्वाहिश-ए-मंज़िल कोई पा लेती कट जाती किसीसे कोई बीच डगर! - मनोज 'मानस रूमानी'
ताज, खजुराहो प्रेम की निशानियाँ हैं🌹 ऐसे सरज़मीं-ए-दिल को फिर न तोड़ें 💗 - मनोज 'मानस रूमानी'
प्यार ही मज़हब, सब इंसान एक हो कब से ढूंढ रहें हैं..हम ऐसे जहाँ को! - मनोज 'मानस रूमानी'
वह तो गरीबों के लिए चरखा चलाते थे यह तो छवि बनाने के लिए चलाते है.! - मनोज 'मानस रूमानी'
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नई उमंगों से भरा रहें दिल यूँ ही मचलतेँ रहें शायरी रूमानी होती रहें नया साल ख़ुशहाल रहें! - मनोज 'मानस रूमानी'