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Showing posts from July, 2021
मुबहम इस राह-ए-इश्क़ पर.. हसीं साथ जरुरी नूऱ की तरह - मनोज 'मानस रूमानी'
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कोई जल्द रुख़सत हुई.. तो कोई देर से आती गई प्यार की बात ऐसी ही.. दिल ही दिल में रह गई!   - मनोज 'मानस रूमानी'
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बरसात में दुपट्टा सर पर लिए.. प्यारी नज़र से देखे..याद हैं कोई! छूट गए ऐसे कई रूमानी लम्हें.. अपनी कोई याद दिलाती हैं कही! - मनोज 'मानस रूमानी'
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पंखुड़ियाँ, रंगत गुलाब की वाबस्ता हैं आप के लबों से खुशबू भी महकती गुल की आप की हसीं तबस्सुम से! - मनोज 'मानस रूमानी' [आज के ऐसे खास दिन पर!]
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रूमानी मैना! बगीचे में कुछ दिन मुख़्तलिफ़ आवाज़ें सुनीं पंछी की ही..कभी सीटी..कभी गुफ़्तगू जैसी पेड़ से गायब होती..रूबरू जायज़ा लेते समय अब हुआ मालुम..मैना थी बाकमाल हुनर की - मनोज 'मानस रूमानी'
जरुरी नहीं मुक़र्रर मुक़ाम पर पहुँचें💑 काफ़ी होता हैं दिल प्यार से जुड़ें रहें💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
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कभी नाम से परे होता है प्यार का अनोखा रिश्ता चाहत और अपनापन से दो दिलों में है यह बसता - मनोज 'मानस रूमानी'
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आँखों से उतर कर हसीन दिल में जब समा जाते हैं दिमाग का कुछ न चलता जज़्बात हावी हो जातें हैं फ़िज़ूल फासले भूल कर दिल प्यार कर बैठता है - मनोज 'मानस रूमानी'
शगुफ़्ता हो गया हैं दिल..💗 आप जब से गए हो मिल!😍 - मनोज 'मानस रूमानी'
ज़िंदगी शादाब मुकम्मल जिये रुख़सत होने की बात क्यूँ करें? - मनोज 'मानस रूमानी'
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ज़मीं पर यूँ ख़ूब इश्क़ बरसातें बादल लगता दीवाना हो गया हुस्नवालें कुछ पर है गुमसुम आशिकों का जारी समां बाँधना - मनोज 'मानस रूमानी'
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नज़रअंदाज़ कर सकते है मासूम नादानियत कभी! लुभावनी लगती है जब.. यूँ ख़ूबसूरत अदाएं कभी! हुस्नवाले भी रखे ख्याल इश्क़ से खेलते नहीं कभी! - मनोज 'मानस रूमानी'
तसव्वुर से तस्वीर और फिर सपनों में💜 दीदार-ए-हुस्न ये अब रु-ब-रु हो जाये!💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
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शायर..साहिर लुधियानवी और फैज़ अहमद फैज़! शायर..शकील बदायुनी. शायर..मजरूह सुल्तानपुरी. शायर..हसरत जयपुरी. फैज़-साहिर-शैलेन्द्र जैसों का यथार्थ शकील-मजरूह-हसरत-फ़राज़ की रूमानियत शायरी हमारी है उनसे मुतासिर! - मनोज 'मानस रूमानी' (गुरुपूर्णिमा के दिन उन्हें याद करते!) 🙏
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सिर्फ़ सिनेमा बसा था उनकी रूह-सांस में ज़िंदगी भर वे उसी की हिफ़ाज़त करते रहे रहनुमा थे वे हम सिनेमा के मुसाफ़िर के.. रहे उनके नक़्श-ए-क़दम इस पर लिखते! - मनोज 'मानस रूमानी' (गुरुपूर्णिमा के दिन हमारे आदर्श फ़िल्म हिस्टॉरियन..आदरणीय पी. के. नायर साहब को याद करते !) 🙏
वो हुस्न, अदा और इश्क़ का जुनून.. प्यार की अजीब दास्ताँ लिखे शायद - मनोज 'मानस रूमानी'
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शब-ब-ख़ैर! चाँद रात हर रोज़ ही रहें समां भी पूरे शबाब में रहें हुस्न इश्क़ के आग़ोश में और शायराना इज़हार रहें - मनोज 'मानस रूमानी'
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आदाब अर्ज़ है! हर दिल अज़ीज़ हो गई आप अपनी अदाओं से! हमारे अल्फ़ाज़ भी अब आपका ही ज़िक्र चाहतें! फ़िक्र हैं इस दिल की मोहब्बत न कर बैठें! - मनोज 'मानस रूमानी'
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अनकहे इज़हार रहता है.. जब मिलतें दिल से दिल! प्यार हो तो ख़ामोशी भी.. बढाती है जज़्बा-ए-इश्क़! - मनोज 'मानस रूमानी'
बादलों में छुप जाएगा आसमाँ का चाँद 🌙 ज़मीं पर अगर देख ले हमारा हसीं चाँद💗 - मनोज 'मानस रूमानी'
शाहकार-ए-हुस्न जब हुआ दुनिया में 👸 दिल-ए-आशिक़ तब से धड़कनें रहें है 😍 - मनोज 'मानस रूमानी'
ग़र संभाले अपनी मासूम अदा-ए-हुस्न 🥀 पा लेंगे दुनिया में मौजूद पाक मोहब्बत💝 - मनोज 'मानस रूमानी'
शायराना गुफ़्तगू करतें शोख़ हसीन से ..✍ उनके दीदार के लिए लगता मुश्ताक़ हैं💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
तारीफ़ में उस हुस्नवाले की यूँ कहें ..✍ शोख़ी और ख़ुशमिज़ाजी हैं शबाब में💗 - मनोज 'मानस रूमानी'
तारीफ़-ए-हुस्न में किसे नहीं शग़फ़🌹 इश्क़ में आज़माया जाता यह सबक़💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
पर्दानशीं से हम मुख़ातिब नहीं होतें ज़रा परदा तो हटें रुख़-ए-महताब से - मनोज 'मानस रूमानी'
अच्छा लगता है हुस्न तहज़ीब नज़ाकत में🥀 आबरू-ए-'इश्क़ भी सरेआम नहीं उछालते💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
मोहब्बत भी इबादत की तरह होती है 💗🙏 हर जगह इश्क़ फ़रमाना अलग बात है 💘 - मनोज 'मानस रूमानी'
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प्यार कब-कहां-किससे हो जाए कैसे कहें बाहरी ख़ूबसूरती, उम्र तो ख़ैर नज़रिया है देखतें रूहानी सुंदरता, इल्म-ओ-हुनर भी आख़िर में दिल से दिल के तार जुड़ना हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
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शाम का रूमानी मंज़र और साथ हसीन हो मिज़ाज-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ भी चरम पर हो! - मनोज 'मानस रूमानी'
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'दो अंजाने' मिले..छिड़ गया प्यार का 'आलाप' "सलाम-ए-इश्क़.." कहे सिकंदर की हुई जोहरा "तूने मेरा दिल ले लिया.." कहते हुआ इज़हार देखें दोनों ख़्वाब पर रुका प्यार का 'सिलसिला' - मनोज 'मानस रूमानी' [मेगा स्टार अमिताभ बच्चन और 'ख़ूबसूरत' रेखा..अपने भारतीय सिनेमा की मेरी एक पसंदीदा जोड़ी! उनसे मेरी मुलाकातें हुई और उन पर ख़ूब लिखा भी! लगभग ५ सालों में क़रीब १० फ़िल्मों में वे साथ आएं..'सिलसिला' (१९८१) तक, जिसे अब ४० साल पूरे हुएं। इसलिए यह लिखा।]
रूमानी रंग में रहता तसव्वुर का जहाँ💜 ख्याल वह दीदार-ए-हुस्न जब आता!💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
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कोहिनूर!   प्रेमिका का प्यार खोए हुए अंतर्मुख तो कभी उसे पाने के लिए बग़ावत महबूब के ऐसे मुख़्तलिफ़ किरदार बख़ूबी निभातें वे हो गए अज़ीज़! किरदारों में डालतें अपनी जान अदाकारी के वे हो गए आदर्श साथ ही थे वे बेहतरीन इंसान भारतीय सिनेमा के कोहिनूर! - मनोज 'मानस रूमानी'   (अपने हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान..दिलीपकुमार साहब को सलाम)
कितनी भी काटों से भरी हो ये ज़िंदगी😢 उसमें खिल सकतें हैं फूल प्यार से ही🥀 - मनोज 'मानस रूमानी'
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हमनशीं और हमनफ़स होकर उनका बड़ा ख्याल रखा आपने हमसफ़र होके फ़र्ज़ निभाने की वाकई बड़ी मिसाल दी आपने! - मनोज 'मानस रूमानी' (हाल ही में गुज़र गए अपने भारतीय सिनेमा के शहंशाह, हमारे अज़ीज़ यूसुफ़ ख़ान..दिलीप कुमार जी की बेगम सायरा बानो जी के प्रति.. संवेदना व्यक्त करतें!)
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लाजवाब शाहकार के जो हमेशा मिसाल रहेंगे.. दिलीपकुमार और संजीवकुमार वे अदाकार थे! - मनोज 'मानस रूमानी'     (अपने भारतीय सिनेमा के दो लाजवाब अदाकार.. यूसुफ़ ख़ान याने दिलीप कुमार साहब जो हाल ही में गुज़र गए और हरिभाई याने संजीव कुमार साहब जिनका आज ८३ वा जनमदिन! उनको याद करतें!!)
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एक माशूक़ा की याद लिए 'देवदास' हुए तो दूसरे अपनी मोहब्बत में 'प्यासा' रहे ज़माने की ठोकर खाएं ये प्यार के मारें.. आख़री दम तक दर्द-ए-फ़ुर्क़त पीतें गएँ! - मनोज 'मानस रूमानी'         (अपने भारतीय सिनेमा के मेरे दो अज़ीज़ लाजवाब अदाकार.. यूसुफ़ ख़ान याने दिलीप कुमार साहब जो हाल ही में गुज़र गए, और गुरुदत्त साहब जिनका आज ९६ वा जनमदिन! उनको याद करतें!!)
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शायरी कभी बन जाती हैं ज़रिया अपनी ही दिल की बात कहने का यूँ हुस्न-ओ-इश्क़ की बातें लिखतें.. होती है दिल्लगी, शेर होतें वाबस्ता - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़ूबसूरती के तलबगार हैं हम भी बशर्ते वह रुख़ के साथ हो रूहानी - मनोज 'मानस रूमानी'
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अदाकारी के हमारे बेताज़ बादशाह के लिए शायद ऊपर सजाया होगा तख़्त-ओ-ताज! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने पुरे हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान याने दिलीपकुमार साहब इस जहाँ से रुख़सत हुए। तहे दिल से अलविदा अज़ीज़ यूसुफ़ साहब!)
शबाब हुस्नवालों पर मेहरबान रहें 💗 हमारी रूमानी शायरी बरक़रार रहें ✍ - मनोज 'मानस रूमानी'
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महबूब अर्ज़ करें ग़ुल-हा-ए-दिल सँभालने होतें दिल-ओ-जान से   बिखरें हुए बर्ग-ए-ग़ुल नहीं तो लगतें है महज़ टुकड़ें दिल के! - मनोज 'मानस रूमानी' (Picture just used for poem here!)
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क़ुदरत का हक़ीक़त में हसीन ख़्वाब हो तुम.. गुलशन में खिला हुआ लुभावना फ़ूल हो तुम! चित्रकार ने बनायी ख़ूबसूरत तस्वीर हो तुम.. शायर ने लिखी हुई दिलक़श नज़्म हो तुम..! - मनोज 'मानस रूमानी' (Picture just used for poem here!)
आसमाँ-सितारें जब ऐसे शबाब में होतें 🌃 शाम-ए-वस्ल का रूमानी जज़्बां जगातें 💞 - मनोज 'मानस रूमानी'
सब जहाँ ख़ूबसूरत है लगता 💟 जब दिल मोहब्बत है करता💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
ज़िदगी हसीन हैं प्यार करनेवालों की💕 नहीं तो हरतरफ़ तो मायूसी है छायी! - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़्वाब में हसीं मुलाक़ात होती है तस्कीन वरना करवट बदलना ही है शब-ए-फ़ुर्क़त - मनोज 'मानस रूमानी'
शाम-ओ-​सहर ख़्वाबों की दुनिया में 🌈 रहतें हुस्न-ओ-इश्क़ का ख़ुमार चढ़े! 💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
खिलतें है जैसे बर्ग-ए-ग़ुल 🌹 बात जब करतें दिल-निहाद 💕 - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़ूबसूरत हैं कोई चेहरा नूरानी 💖 उसी से हो हसीन ज़िंदगानी! 🏡 - मनोज 'मानस रूमानी'
ज़िंदगी कहाँ ठहरी है किसके लिए.. चलना हैं आगे जज़्बा-ए-इश्क़ लिए - मनोज 'मानस रूमानी'
हमनफ़स और प्यार का जहाँ 💕 दिल हमेशा से रहता हैं ढूंढ़ता 🏡 - मनोज 'मानस रूमानी'
शगुफ़्ता हो गया अब यह दिल 💗 दिखा प्यार भरा नूऱ-ए-क़लम! ✍ - मनोज 'मानस रूमानी'
महक उठता है यूँ गुलशन-ए-दिल💖 किसी हसीं की देखकर मुस्कुराहट😍 - मनोज 'मानस रूमानी'