अदाकारी के हमारे बेताज़ बादशाह के लिए
शायद ऊपर सजाया होगा तख़्त-ओ-ताज!


- मनोज 'मानस रूमानी'


(अपने पुरे हिन्दोस्ताँ के अदाकारी के शहंशाह यूसुफ़ ख़ान याने दिलीपकुमार साहब इस जहाँ से रुख़सत हुए।
तहे दिल से अलविदा अज़ीज़ यूसुफ़ साहब!)

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