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Showing posts from July, 2019
बरसात में दुपट्टा सर पर लिए.. प्यारी नज़र से देखे याद हैं कोई! छूट गए ऐसे कई रूमानी लम्हें .. अपनी कोई याद दिलाती हैं कही! - मनोज 'मानस रूमानी'
इंसानों पर हो रहें अत्याचार करें अनदेखे खुश हैं 'कुछ लोग' बाघों को देखके बढतें! - मनोज 'मानस रूमानी'
बाँट रहें अब कलाकारों को भी.. इंसानों को बाँटतें यह सियासतीं! - मनोज 'मानस रूमानी'
चिठ्ठियों की भीड़ में... कुछ संवेदनशील, कुछ अवसरवादी पीड़ा सहतें बेकसूर इंसान और बेअसर सियासतदार, मूलतत्ववादी - मनोज 'मानस रूमानी'
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मिलेंगे 'अपने चमन' में दो हमसफ़र दिल कभी! जरूरत क्या है वहाँ किसी तीसरे ने मिलाने की?  - मनोज 'मानस रूमानी'
जुस्तजू नहीं हमें उस चाँद की हमें तो आरज़ू हमारे चाँद की! - मनोज 'मानस रूमानी'
आसमाँ को मुबारक वह चाँद हमे तो अज़ीज़ हमारा चाँद! - मनोज 'मानस रूमानी'
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HAIKU: 'ROMANTIC RAIN'!  Clouds..Rain brings romantic feelings.. Wind flows..with fragrance of land & flowers Recollects your memory..my love! - Manoj 'Manas Roomani'
जीवन देता और लेता भी! यह कैसा तेरा खेल पानी? - मनोज 'मानस रूमानी'
रूपहले पर्दे की कभी ज़ीनत थी.. मुमताज़ जहाँ, नर्गिस, महजबीं! तो फिर आज क्यों मुरझा गई.. अदाकारी की कश्मीर की कली? - मनोज 'मानस रूमानी'