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Showing posts from March, 2024
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HAPPY EASTER! Cherry blossom in Spring Love blossom in Heart.! - Manoj 'manas roomani'
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सृष्टी नि मानव! सूर्य म्हणेल माझा धर्म... विश्वाला प्रकाशमय करणे! चंद्र म्हणेल माझा धर्म... रमणीय शीतलता देणे! हवा म्हणेल माझा धर्म... जगणाऱ्यांस प्राणवायू देणे! जल म्हणेल माझा धर्म... प्राणिमात्रांची तहान भागवणे! झाड म्हणेल माझा धर्म.. फुल, फळ, सावली देणे! मानव इथे काय म्हणेल...? उमगले की सांगेन म्हणतो! - मनोज 'मानस रूमानी'
किस दौर में ले जा रही हैं ये सियासत.. अब कौनसा मंज़र दिखाएंगी ये हुकूमत - मनोज 'मानस रूमानी'
अनिष्ट गोष्टी, प्रवृत्तींची होळी फक्त म्हणायचं नैतिकता, तत्वे, स्वाभिमान हेच जणू जळतंय! - मनोज 'मानस रुमानी'
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खिले गुल-हा-ए-दिल! वहां असल में जीवन हैं.. कथित आधुनिक शहरों से दूर.. मानवता खोयी हुई भीड़ से दूर! सृष्टि की आग़ोश में.. खुली हवा में,..हरियाली से गुज़रते खिलतें फूलों में..उनकी महक लेते! पतझड़ में जो गुम हुएं.. वे हसीन पल..ढूँढ़ते वहां जाकर आए अब यह बसंत..लेकर बहार! - मनोज 'मानस रूमानी'
आतंकी आंधी से हमेशा तबाह ये हुएं, वो भी हमदर्दी इनसे, तो ग़म-गुसारी हो उनसे भी! - मनोज 'मानस रूमानी'
रईसों की शादी शान-ओ-शौकत सितारों का मेला मुफ़लिसों की शादी जैसे दिन में तारे दिखाई देना! - मनोज 'मानस रूमानी'
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अबोली आता बोलू लागली फुलून आसमंत पाहू लागली पानापानांतून जणू व्यक्त होत सुगंध आपलाही दरवळू लागली! - मनोज 'मानस रुमानी' ('महिला दिन' निमित्त रूपक!)
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  🌹 💗 गुलाब कभी जो दिया था तुझे.. कुछ वक़्त तुमने संभाला होगा! मिलने की गुंजाइश ना देखके.. फिर हाथ किसी का थामा होगा! गुलाब फिर ना दिया किसे मैंने; दिल तुमने भी पास रखा होगा! - मनोज 'मानस रूमानी'