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Showing posts from February, 2022
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ख़ामख़ाह जंग पर उतर आते हैं जब प्यार से जीता जा सकता हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
एक-दूसरे पर फिर कब्जा करना चाहतें.. तो जुदा होते ही क्योँ एक रहें मुल्क ऐसे? - मनोज 'मानस रूमानी'
कहते है 'अपना मत व्यक्त (डाला) करो'.. लेकिन क्या असुसंगत न व्यक्त (डाला) करो.! - मनोज 'मानस रूमानी'
राजकीय रंगसंगती कधी कशी ही होईल लाल हिरव्यात, निळा केशरीत ही जाईल - मनोज 'मानस रुमानी'
'बात मन की' नहीं..जन की हो... पूंजीवाद नहीं..वाकई में समाजवाद हो! - मनोज 'मानस रूमानी'
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इज़हार रहा प्यार! अपनी ही माशूका कुछ साल बाद.. शादीशुदा होकर मिलने पर पूछे, "शादी क्यों नहीं की तुमने?" तो क्या जवाब देगा वो महबूब.. वक़्त पर इज़हार न करनेवाला? ऐसा भी होता है जहाँ-ए-इश्क़ में! - मनोज 'मानस रूमानी'
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कही जाती हैं दिल की हर बात जिनका लेकर नाम फ़िक्र–ए–दुनिया के वे अज़ीम शायर रहे हैं ग़ालिब - मनोज 'मानस रूमानी' (उर्दू तथा पर्शियन शायरी के अज़ीम-ओ-शान शख्सियत मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान..तख़ल्लुस 'ग़ालिब' साहब को स्मृतिदिन पर सलाम!) - मनोज कुलकर्णी
शब-ए-फ़ुर्क़त भी हमें रास आने लगी है तसव्वुर में अब भी ख़्वाबों का जहाँ हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
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  'वैलेंटाइन डे' पर दिल चाहे.. नफ़रत मिटे, भाईचारा जागे, प्यार फैले अमन हो..सारे जहाँ में..! - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़ूबसूरती से हमें कोई लुभा नहीं सकते हुस्न-ए-जहाँ-ताब से हम वाक़िफ़ हैं.! - मनोज 'मानस रूमानी'
जिस सरज़मीं में प्यार के गुल खिलनें हैं.. वहां नफ़रत की गोलियां क्यों आती हैं..? - मनोज 'मानस रूमानी'
वजूद के लिए दहाड़ जहाँ शेर,शेरनी की आबाद रहें जम्हूरियत इस सरज़मीं की! - मनोज 'मानस रूमानी'
गूँजते थे जहाँ मोहब्बत के तराने 💞 वह ताज फिर प्यार ही प्यार देखें! - मनोज 'मानस रूमानी'
अब की बार न हो केसरिया होली.. सब रंग को लिए हो प्यार की होली! - मनोज 'मानस रूमानी'
रोजगार नहीं पकौड़ा बेचों कहनेवालोंको पढ़ेलिखे कहें फिरसे आप भी वहीँ बेचो! - मनोज 'मानस रूमानी'
अच्छे दिन की बारीश से पहले लगेंगे चाय-पकोड़े के खूब ठेले! - मनोज 'मानस रूमानी'
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यह है हमारी शान-ए-हिन्दोस्ताँ जानो सबका इबादत का ज़रिया अक़ीदत और मोहब्बत के साथ जन्नत बक्श ने की ही है दुआ! - मनोज 'मानस रूमानी' (हमारी गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर जी का अंतिम दर्शन लेते समय मशहूर अभिनेता शाहरुख़ खान और महिला सहकारी के छायाचित्र पर!)
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भाग्यशाली मैं! गान सरस्वती के दरबार में जीवन का एक सुनहरा पल अपनापन से हुई सुरीली बातें जीवन संगीत से भरी महफ़िल - मनोज 'मानस रूमानी'  हमारी पूज्य 'भारतरत्न' लता मंगेशकर जी आपके चरणों मे सादर प्रणाम!!! - मनोज कुलकर्णी