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Showing posts from March, 2022
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अपने जहान-ए-इश्क़ में रहतें उन्हें रोक नहीं सकती दकियानूसी सोच! रोमियो-जूलिएट का दो तर्फ़ा प्यार यूँ ही जोशीला दिखेगा चूमतें होंठ! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'विश्व रंगमंच दिन' पर रोमियो-जूलिएट की ऐसी भी याद!)
सलामत रहे.!! पढ़ना, लिखना, संगीत, कलाएं... अच्छे खूबसूरत ज़िन्दगी के लिए इंसानियत, प्यार फ़ैले जिससे.. नहीं छीनना यह किसीसे..! - मनोज 'मानस रूमानी' (समाज में लड़कियों की पढाई को लेकर लिखा हैं!)
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Happy World Poetry Day!✍️ In romantic atmosphere.. with beautiful companion Poetic heart can create.. a sweet love poem! - Manoj 'manas roomani'
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समाँ आशिक़ाना हो दिल शायराना हो दीदार-ए-हुस्न हो रूमानी ग़ज़ल हो! - मनोज 'मानस रूमानी' ('वर्ल्ड पोएट्री डे'✍️ सभी को मुबारक़!🌹)
फलक पे सितारें झिलमिलाते रहें.. शब-ए-बारात का चाँद मुबारक रहे! - मनोज 'मानस रूमानी'
हमें ना भायेगी कभी केसरिया होली हमारे भारत में खेलते सबरंगी होली - मनोज 'मानस रूमानी'
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पैग़ाम..!! होली मुबारक़ सरहद पार भी दिखायी दी धर्म-निरपेक्षता की बात वहां भी गूँजी.. शायरी, रफ़ी आवाज की चाहत भी सुनी अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..! भाईचारा, मोहब्बत की बात भा गयी इंतज़ार है यह दिलों का मिलन ही .. मिटा दे इस-उस पार की दूरी भी.. अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..! एक है जड़, ज़ुबान, संस्कृति हमारी.. दुनियां में मिसालें है फिर जुड़ने की.. काश यह ख़्वाब हो जाये हक़ीक़त भी   अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..! - मनोज 'मानस रूमानी'
जहाँ शायराना इश्क़ फ़रमाया जाता था अब फिर वही दकियानूसी पैरवी वहां! - मनोज  'मानस रूमानी'
हम कभी विचलित नहीं हुए शिकस्त से बरक़रार हैं निष्ठां हमारी, उसूल हमारे! - मनोज  'मानस रूमानी'
ख़्वाबों ख़यालों में बस तुम ही तुम हो.. मिलकर..न जानकर बिछड़े वो तुम हो! - मनोज 'मानस रूमानी'
चल भी रहा हो बेनूर मौसम-ए-ख़िज़ाँ प्यार से आती बहार-ए-नौ-शगुफ़्ता! - मनोज 'मानस रूमानी'
जारी हैं चंद लोगों के अपने लिए मेलें दुनिया में क्या हो रहा किसे फ़िक्र हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
नसीम-ए-सहर की लिए आरज़ू गुज़रती हैं वहां पर शब मायूस - मनोज 'मानस रूमानी'
मुख़्तसर ज़िंदगी, ज़्यादा नहीं ख्वाहिशें बस प्यार से, इत्मिनान से जीने मिले! - मनोज 'मानस रूमानी'
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NO WAR! Let us hope... there will be Sunrise.. with human emotions.. brotherhood and love! - Manoj 'manas roomani'
टूट के जब बिखर जातें हैं.. ज़िंदगी तब समझ आती हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
बड़ा गुमान रहता बुलंदी पर पहुँचने में दस्तरस अगर दिल तक हो तो माने! - मनोज 'मानस रूमानी'
एक ना झुकेंगे, दूसरे ना रुकेंगे.. दुनिया की जान लगी दांव पर है - मनोज 'मानस रूमानी'
दिल का ही चाहिए सुनना दिमाग कभी गलत चलता - मनोज 'मानस रूमानी'
कल दिल उनको दोस्ती के लिए बढ़ाएं.. हाथ जो अब दिमाग ने दुश्मनी से उठाएं - मनोज 'मानस रूमानी'