पैग़ाम..!!

होली मुबारक़ सरहद पार भी दिखायी दी
धर्म-निरपेक्षता की बात वहां भी गूँजी..
शायरी, रफ़ी आवाज की चाहत भी सुनी
अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..!


भाईचारा, मोहब्बत की बात भा गयी
इंतज़ार है यह दिलों का मिलन ही ..
मिटा दे इस-उस पार की दूरी भी..
अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..!


एक है जड़, ज़ुबान, संस्कृति हमारी..
दुनियां में मिसालें है फिर जुड़ने की..
काश यह ख़्वाब हो जाये हक़ीक़त भी  
अब बस प्यार ही फैले दोनों तरफ ही..!


- मनोज 'मानस रूमानी'

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