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Showing posts from April, 2022
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कव्वाली की रूमानियत पेश किए वो मुल्क की एकता की नसीहत दिए वो! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के लाजवाब अदाकार ऋषि कपूर जी को  दूसरे स्मृतिदिन पर याद करतें!)
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Let the holy light of Easter come to spread the purity in the world! Let the holy light of Easter come with the message of brotherhood! Let the holy light of Easter come with lot of love for the world! - Manoj 'manas roomani'
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ती यह राजनीति हमारी कौमी एकता इसे बेअसर ठहराएंगी - मनोज 'मानस रूमानी'
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बाबासाहब जैसे चलो!! धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का मार्ग उन्होंने दिखाया छूत-अछुत और अमीर-गरीब का भेद मिटाया समान न्याय, मानवतावाद का सन्देश दिया..! लेकिन न मिटे कोई भेद, ना हटी कोई दूरियाँ रोटी, कपड़ा और मकान का संघर्ष जारी रहा.. उनके नाम का उपयोग राजनीति के लिए हुआ! - मनोज 'मानस रूमानी'   ('भारतरत्न' संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की १३१ वी जयंती पर अभिवादन करते हुए!)
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फ़िरदौस! जन्नत ने ज़मीन पर जहाँ.. नज़र किया हैं हसीन नज़ारा सलामत रहें..कश्मीर अपना! मिलजुल कर रहें सब यहाँ.. हसीं कलियाँ खिलती जहाँ.. मोहब्बत के ग़ुल खिले वहाँ! - मनोज 'मानस रूमानी'
'कमल' उगाया था किसने.. उसपर विराजमान कौन है? - मनोज 'मानस रूमानी'
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SPRING SECLUSION! Oh Daffodil, They says 'Spring is here' Then why this despair? Oh Daffodil, Like remembering beloved, Is this your seclusion? Oh Daffodil, Let us bloom again.. New Love is waiting! - Manoj 'manas roomani' (I just wrote this poem on the occasion of birth anniversary of romantic poet William Wordsworth!)
नववर्ष-गुढी पाड़वा ~ माह-ए-रमजान प्यार भरी कौमी एकता से करे बरकत! - मनोज 'मानस रूमानी'
अप्रैल फूल! ''हमारे अच्छे दिन अब आएंगे..!' भोलीभाली आवाज़ आयी कहीं से.. उसे टोका गया 'क्या बक़वास है.?' मासूमीयत से बोला "अप्रैल फूल है!" - मनोज 'मानस रूमानी'