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Showing posts from 2022
हो कोई हमदम या हमराह या यूँही दोस्त.. आनेवाला साल ख़ैरियत के साथ मुबारक़! - मनोज 'मानस रूमानी'
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अभी खिल के महक रही थी ख़ूबसूरत कली अचानक कैसी आँधी आई कि वो टूट गयी! - मनोज 'मानस रूमानी' ('कलर्स' चैनल पर ऐतिहासिक धारावाहिक 'चक्रवर्ती अशोक' में राजकुमारी की भूमिका निभाई थी..कमसिन ख़ूबसूरत टुनिशा शर्मा ने!..और जल्द ही टेलीविज़न तथा सिनेमा की दुनिया में चमकने लगी! उसका अचानक इस दुनिया से जाना बड़ा ही दुखदायक है।..उसे सुमनांजलि!)
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ऊपर आक़ा और नीचे काका रूपहले परदे का वह दौर था! हसीं जवाँ दिल धड़कानेवाले राजेश का यहाँ पर राज था! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय रूमानी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना जी को ८० वे जनमदिन पर सुमनांजलि!)
सिर्फ़ कहने को वो पराये हैं.. बसे है अब भी हमारे दिल में! - मनोज 'मानस रूमानी'
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तब जो दिन-ब-दिन साथ होते थे, अब वो साल-दर-साल दूर ही रहे हैं तब मेल-जोल के अपने दौर में थे, अब बदलते वक़्त ने दूरियाँ दी हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
प्यार पा ना सके तो जहाँ क्यूँ छोड़ना? प्यार करनेवाले जहाँ के लिए जीना! - मनोज 'मानस रूमानी'
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CHRISTMAS WISHES! May this Christmas bring.. the virus-free good life! Happiness to all human beings Everywhere beauty and Love! To fulfill all dreams and desires Good world and healthy life! - Manoj 'manas roomani'
पाकर खोते रहने का, मिलकर न संभलने का.. कश्मकश-ए-ज़िंदगी..हमारा ऐसा रहा गुज़ारना! - मनोज 'मानस रूमानी'
रंग न किसी के, सब हैं कुदरत के 🌈 प्यार से जिसमे जिसे रंगना हैं रंगें! - मनोज 'मानस रूमानी'
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वो देखती हैं रंगीन ख़ूबसूरत समां का.. रौशन हुआ नज़ारा उसके नूऱ-ए-हुस्न से! उठती उस तरफ़ भी इक निगाह-ए-मेहरबाँ.. जहाँ कहीं हैं आशिक़ मुतासिर उसके हुस्न से! - मनोज 'मानस रूमानी'
एक ज़िंदगी कम है पसंदीदा करने, प्यार से जीने.. क्यूँ ज़ाया होती अलग ही करने, परेशानियों से घिरे - मनोज 'मानस रूमानी'
सिवाय अपनों के गर्म जज़्बाती आग़ोश के ऐसे सर्द मौसम में कोई जज़्बाती क्या चाहें - मनोज 'मानस रूमानी'
अच्छी दोस्ती और पाक मोहब्बत पाएं.. तो सफर ज़िंदगी का सुहाना ही हो जाए! - मनोज 'मानस रूमानी'
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पहला प्यार कभी भी ख़तम नहीं होता है पर उसके साथ अपना कुछ खो जाता है! - मनोज 'मानस रूमानी' (इंगमार बर्गमन की मेरी फेवरेट रोमैंटिक स्वीडिश फ़िल्म.. 'समर इंटरलूड'/१९५१ के कोट से प्रेरित होकर!)
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जिनकी मुस्कान से छोटे परदेपर फूल खिलतें थे.. अब अलविदा कहा इस जहाँ को उस तबस्सुम ने! - मनोज 'मानस रूमानी' (बालकलाकार से दिग्गज अभिनेत्री तक बड़े-छोटे परदेंपर शोख़ अदाकारी से छायी रही तबस्सुम जी के निधन पर उन्हें यह सुमनांजलि!)
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          मेरी शायरी वैसे ज़माने से वाबस्ता होती हैं.. सिर्फ़ रूमानी बातें 'उनसे' मुख़ातिब होती हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
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बैठे थे वहाँ पीते चाय.. जहाँ पुरानी यादें हैं जुड़ी महफ़िल-ए-यारां वह.. हमनफ़स वो अब नहीं! - मनोज 'मानस रूमानी' (अर्से बाद 'होटल रूपाली' एफ.सी. रोड, पुणे में यूँ ही चाय पीते!)
क्रिकेट फिरंगियों का ही खेल हैं सो वे जीततें हमारें देसी खेलों में वे सामने आकर तो देखें! - मनोज 'मानस रूमानी'
हुस्न पर फ़िदा होना.. हैं आँखों की हिमाक़त! 😍 रूहानी चाहत में फ़ना.. हैं दिल से मोहब्बत! 💞 - मनोज 'मानस रूमानी'
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तहज़ीब, तमद्दुन और हसीन लफ़्ज़ों की.. दिलकश अंदाज़-ए-बयाँ सिर्फ़ हैं उर्दू ही! - मनोज 'मानस रूमानी' ('विश्व उर्दू दिवस' की मुबारकबाद!)
आसमाँ का चाँद ग्रहण से छुप भी जाये 🌘 पर कोई रुख़-ए-महताब न यूँ छुप जाये 😍 - मनोज 'मानस रूमानी'
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'भारत जोड़ो' का कारवाँ हैं आया... मशाल इंसानियत की हाथ में लिये मिटे भेदभाव-नफ़रत का अँधियारा भाईचारा-प्यार का उजाला फैले..! - मनोज 'मानस रूमानी' ('कांग्रेस' नेता राहुल जी गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' का महाराष्ट्र में स्वागत!..और शुभकामनाएं!!)
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यह नया दौर हैं और एक 'नया दौर' तब भी था अब न वो दौर-ए-ज़िंदगी, न तहज़ीब, न रुतबा - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के दिग्गज फ़िल्मकार बी. आर. चोपड़ा जी का आज १४ वा स्मृतिदिन और अपने अदाकारी के शहंशाह यूसुफ ख़ान याने दिलीपकुमार जी पिछले साल गुजर गए। उनकी पुरानी क्लासिक फ़िल्म 'नया दौर' (१९५७) की पचासवीं वर्षगांठ पर उसकी रंगीन फ़िल्म के प्रदर्शन समय उनकी ली गई यह यादगार तस्वीर!) 🙏🙏
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हुस्न जब इश्क़ से इस तरह खेलता हैं चाँद तब इस तरह मुख़ातिब होता हैं! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज ऐश्वर्या राय-बच्चन के जनमदिन और कल शाहरुख़ ख़ान की सालगिरह, तथा फ़िल्म 'देवदास' के २० साल के मौके पर!)
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I always imagine poetic love.. In romantic moonlight with rose & poetry In vicinity of the TajMahal.! - Manoj 'manas roomani' (Haiku)
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हर मौसम में आती हो याद धूप में, बारिश में, ठंड में! हम-नफ़स की तरह वो साथ लिए प्यार का आँचल अपने! समाँ रूमानी हो तो आतें याद हसीन पल जो बिताये साथ में! - मनोज 'मानस रूमानी'
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हुस्न की दीवानगी में अक़्सर.. नज़रअंदाज़ होता सच्चा प्यार! होती जरुरत जज़्बाती सहारे की, तब साथ नहीं होता वह प्यार! - मनोज 'मानस रूमानी'
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When romantic feelings goes on.. Daydreaming happens..We live in imaginary world We forgets the real world! - Manoj 'manas roomani' [Haiku] (Regards on National Poetry Day!)
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यह शायद है उसका नूर-ए-हुस्न.. जिसके दीदार के लिए है मुश्ताक़! - मनोज 'मानस रूमानी' ('नेशनल पोएट्री डे' पर!)
मिलना ही मोहब्बत का मुक़ाम नहीं.. दास्ताँ-ए-इश्क़ होती पूरी बिछड़कर भी! - मनोज 'मानस रूमानी'
केसरिया हुक्मरान के साहबज़ादे करतें अत्याचार.. कभी किसानों पर तो कभी महिला-लड़कियों पर! - मनोज 'मानस रूमानी'
केसरिया राज में ऐसी रंगरलियाँ.. कुचल जाती इसमें नाजुक कलियाँ! - मनोज 'मानस रूमानी'
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हँसना-हँसाना ही जहाँ अब दुश्वार हो गया.. ऐसे इस जहाँ से हंसी-मजाकिया चला गया! - मनोज 'मानस रूमानी' (मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव जी को अलविदा!)
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दूर से नहीं, ऐसी नज़दीकियाँ होती थी नतमस्तक होते थे उनसे जानवर भी! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज याद आयी हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की यह दुर्लभ तस्वीर!)
हमारी सभी भाषाओँ की धाराएं बहती रहें और करती रहें भाईचारा-प्यार की बातें..! - मनोज 'मानस रूमानी'
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विविध संस्कृति से खिले हमारे इस हिन्दोस्ताँ में.. भाषा बहनें अनेक जिसमें हिंदी राष्ट्रभाषा हैं उसमें! - मनोज 'मानस रूमानी' ('हिंदी दिन' की शुभकामनाएं!)
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'हम सब एक है' का जज़्बा लिए चले कारवाँ को सफल होने दो! नफ़रत की राजनीति से हटकर, इस हाथ से सब हाथ जुड़ने दो! - मनोज 'मानस रूमानी' ('भारत जोड़ो' अभियान को शुभकामनाएं!)
अंग्रेजों से हमारा क्या वास्ता? उनके सम्मान में क्यूँ झुकना? - मनोज 'मानस रूमानी'
सुनहरे किरण लेकर हो सवेरा ☀️ फिर बहे हवा नसीम हरतरफ़ ☁️ जगमगा उठे यूँ नीला आसमाँ ❄️ प्यार ही झलके उससे हरतरफ़ ❣️ - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'इंटरनेशनल डे ऑफ क्‍लीन एयर फॉर ब्‍लू स्‍काई' पर!)
मुख़्तलिफ़ मुश्किल मोड़ रहें ज़िन्दगी के बस आरज़ू यहीं मंज़िल तो हसीन मिले! - मनोज 'मानस रूमानी'
'टीचर्स डे' पर.. ज़िंदगी बस सिखाती जा रही है उस पर अमल नहीं कर पा रहें! - मनोज 'मानस रूमानी'
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लाजवाब जमाल-ए-हुस्न उनका नूर-ए-महताब हो जैसे आसमाँ! बड़ी मुश्किल से ही होता रहता चाँद की तरह ही दीदार उनका! - मनोज 'मानस रूमानी'
रात क्या अमावस की और क्या पूनम की शब हर हसीं आलम-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ की - मनोज 'मानस रूमानी'
साथ चले प्यार की निशानियाँ मिटा दे इतना दम नहीं है ऐसी किसी आँधी में! - मनोज 'मानस रूमानी'
केसरिया राज बात महिला सशक्तिकरण की हैं करता.. और अबलाओं पर अत्याचार करनेवालें हो जातें रिहा! - मनोज 'मानस रूमानी'
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जय हिन्द! 🙏 आज़ादी के अमृत महोत्सव पर यही हैं मनोकामना.. धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र से खूब प्रगति करे भारत अपना - मनोज 'मानस रूमानी' (हार्दिक शुभकामनाएं!)
जश्न-ए-आज़ादी कल था वहां..आज यहाँ छेद कर अलग किए दिल की यह दास्ताँ.! - मनोज 'मानस रूमानी'
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क्रांति..हरदम जरुरी! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. धर्म-जात के परे देखने के लिए इंसानियत ही मजहब के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. दबी आवाज़ उठाने के लिए, दबे जीवन को उभरने के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. अपने वजूद के लिए, अपना हक़ पाने के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. समानता लाने के लिए, सबके सम्मान के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. खुली साँस लेने के लिए, पसंदीदा जीने के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. ज़िंदगी सुधारने के लिए, उसमे अर्थ लाने के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. अभिव्यक्त होने के लिए, कला के सृजन के लिए! हाँ, क्रांति अब भी हैं जरुरी.. प्रेम से जीने के लिए, गले मिलने के लिए! - मनोज 'मानस रूमानी' ('अगस्त क्रांति दिन' के अवसर पर लिखा!)
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Friendship is beyond all relationships We have to preserve the precious Friendship It's rare getting true friend! - Manoj 'manas roomani' [Haiku] (I wrote this on the occasion of 'Friendship Day'!)
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हुस्न-ए-बहार मुमताज जहां..मुख़ातिब हुई हो ऐसी.. तो ताजमहल पर शकील लाजवाब शायरी लिखेंगे ही - मनोज 'मानस रूमानी' (मशहूर शायर-गीतकार शकील बदायुनी जी के यौम-ए-पैदाइश पर, उनकी 'मलिका-ए-हुस्न' मधुबाला के साथ यह तस्वीर देखकर लिखा!)
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वो महताब रही तो वो आफ़ताब थे.. 'प्यासा' रहा 'चौदहवीं का चाँद' थे! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के मेरे एक अज़ीज़ लाजवाब अभिनेता-फ़िल्मकार गुरुदत्त साहब को उनके ९७ वे जनमदिन पर याद करतें!)
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अदाकारी के बेताज़ बादशाह थे वो हमारे सिनेमा के कोहिनूर थे वो यूसुफ़-ए-हिन्दोस्ताँ थे वो! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारत के अभिनय सम्राट यूसुफ़ ख़ान याने दिलीपकुमार साहब का आज प्रथम स्मृतिदिन! याद आ रहीं हैं मेरे 'चित्रसृष्टी' के लिए मैंने ली हुई उनकी मुलाकातें!! उन्हें सुमनांजलि!!!)
आँखे हमारी सबके लिए भर आती हैं 😢 दिल-ओ-दिमाग़ में इंसानियत रहती हैं! -  मनोज 'मानस रूमानी'
ज़ेहन में तू भटक रहा.. दूसरों की परवाह करते! मंज़िल पाता तू 'मनोज'.. गर चलता दिल की सुनके! - मनोज 'मानस रूमानी'
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गुम हैं ये अपनी प्यार की दुनिया में अच्छा हैं अनजान हैं इस दुनिया से - मनोज 'मानस रूमानी'
मन, आत्मा, शरीर को संतुष्ट करने की.. इसी भूमी की देन योग एवं कामसूत्र भी - मनोज 'मानस रूमानी'
दोनों शास्त्र-कलाएं इसी भूमि की देन हैं एक तरफ योग, दूसरी तरफ कामसूत्र हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
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World saw June's full Moon.. Some called it 'Strawberry', some called 'Rose'! But lovers called it "Honey"! - Manoj 'manas roomani' (Haiku)
हुस्न की दीवानगी भी ऐसी होतीं हैं सच्ची मोहब्बत उसमे खो जाती हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
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आसिफ़-ए-हिन्दोस्ताँ! सलीम-अनारकली की दास्तान-ए-मोहब्बत उसी शान-ओ-शौकत में थी परदेपर आई..   बाअदब से पुकारा गया 'मुग़ल-ए-आज़म' शिद्दत से बनानेवाले वे आसिफ़ थे वाक़ई! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के अज़ीम फ़िल्मकार के. आसिफ जी को १०० वे यौम-ए-पैदाइश पर सलाम!)
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गानेवालें सभी अपनी खूबी से गातें हैं ग़ज़ल पर वे मेहदी हसन ही थे शहंशाह-ए-ग़ज़ल! - मनोज 'मानस रूमानी' (दिल को छू लेनेवाली आवाज़ में ग़ज़ल पेश करनेवालें मेहदी हसन साहब को १० वे स्मृतिदिन पर आदरांजलि!)
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ग़ुलाब यूँ ही लाल कैसे होता, इश्क़ का रंग जो उसपे रहता! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'रेड रोज डे' पर!) (मुबारक़!)
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MISSING LOVE! I was shy..could not express love.. Your looking at me was expressive! That our Love..always kept quiet.. You left my world..without hope.! I realized now..it's difficult to live.. In this world..without your love.! - Manoj 'manas roomani' (On birth anniversary of romantic Russian poet Pushkin,..I wrote this verse!)
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अपने भारत के कोहिनूर थे वे अब आसमाँ में मिले होंगे वे! - मनोज 'मानस रूमानी' (हमारे पहले प्रधानमंत्री 'भारतरत्न' पं. जवाहरलाल नेहरू जी और अदाकारी के शहंशाह युसूफ ख़ान..दिलीप कुमार जी!..सुमनांजलि!!)
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गर हो उमर ख़ैय्याम की इनायत.. होती ही रहेंगी हमारी रुबाई ख़ास! गर रहें यूँ नूऱ-ए-हुस्न भी मेहरबान.. रहेगी शादाब कलम की 'रूमानी'यत! - मनोज 'मानस रूमानी'
"युद्ध नहीं..बुद्ध चाहिए!"🙏 बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर फिर से दुनिया में गूँजे यह! - मनोज 'मानस रूमानी'
पुकारों आई, माँ, अम्मी, मम्मी जो भी उनके लिए तो हो कलेजे के टुकड़े ही! - मनोज 'मानस रूमानी' (हैप्पी 'मदर्स डे'!)
ख़्वाबगाह में हो दीदार-ए-हुस्न.. इस ख़याल से करते शब-ब-ख़ैर! - मनोज 'मानस रूमानी'
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ईद मुबारक़! 🌹 सभी मुसीबतें, फ़िक्र हो दूर.. जहाँ सब हो आबाद मसरूर! - मनोज 'मानस रूमानी'
इस अक्षय तृतीया और ईद-उल-फ़ित्र.. आब-ए-हयात से खिले जीवन हो इत्र! - मनोज 'मानस रूमानी'
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चाँद रात मुबारक़! मुकद्दस दिन की सौग़ात होगी आज आसमाँ में चाँद का दीदार होगा आज झिलमिल सितारों से रोशन होगी रात आलम-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ झूमेगा आज - मनोज 'मानस रूमानी'
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कव्वाली की रूमानियत पेश किए वो मुल्क की एकता की नसीहत दिए वो! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा के लाजवाब अदाकार ऋषि कपूर जी को  दूसरे स्मृतिदिन पर याद करतें!)
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Let the holy light of Easter come to spread the purity in the world! Let the holy light of Easter come with the message of brotherhood! Let the holy light of Easter come with lot of love for the world! - Manoj 'manas roomani'
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ती यह राजनीति हमारी कौमी एकता इसे बेअसर ठहराएंगी - मनोज 'मानस रूमानी'
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बाबासाहब जैसे चलो!! धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र का मार्ग उन्होंने दिखाया छूत-अछुत और अमीर-गरीब का भेद मिटाया समान न्याय, मानवतावाद का सन्देश दिया..! लेकिन न मिटे कोई भेद, ना हटी कोई दूरियाँ रोटी, कपड़ा और मकान का संघर्ष जारी रहा.. उनके नाम का उपयोग राजनीति के लिए हुआ! - मनोज 'मानस रूमानी'   ('भारतरत्न' संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की १३१ वी जयंती पर अभिवादन करते हुए!)
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फ़िरदौस! जन्नत ने ज़मीन पर जहाँ.. नज़र किया हैं हसीन नज़ारा सलामत रहें..कश्मीर अपना! मिलजुल कर रहें सब यहाँ.. हसीं कलियाँ खिलती जहाँ.. मोहब्बत के ग़ुल खिले वहाँ! - मनोज 'मानस रूमानी'
'कमल' उगाया था किसने.. उसपर विराजमान कौन है? - मनोज 'मानस रूमानी'
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SPRING SECLUSION! Oh Daffodil, They says 'Spring is here' Then why this despair? Oh Daffodil, Like remembering beloved, Is this your seclusion? Oh Daffodil, Let us bloom again.. New Love is waiting! - Manoj 'manas roomani' (I just wrote this poem on the occasion of birth anniversary of romantic poet William Wordsworth!)
नववर्ष-गुढी पाड़वा ~ माह-ए-रमजान प्यार भरी कौमी एकता से करे बरकत! - मनोज 'मानस रूमानी'
अप्रैल फूल! ''हमारे अच्छे दिन अब आएंगे..!' भोलीभाली आवाज़ आयी कहीं से.. उसे टोका गया 'क्या बक़वास है.?' मासूमीयत से बोला "अप्रैल फूल है!" - मनोज 'मानस रूमानी'
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अपने जहान-ए-इश्क़ में रहतें उन्हें रोक नहीं सकती दकियानूसी सोच! रोमियो-जूलिएट का दो तर्फ़ा प्यार यूँ ही जोशीला दिखेगा चूमतें होंठ! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'विश्व रंगमंच दिन' पर रोमियो-जूलिएट की ऐसी भी याद!)
सलामत रहे.!! पढ़ना, लिखना, संगीत, कलाएं... अच्छे खूबसूरत ज़िन्दगी के लिए इंसानियत, प्यार फ़ैले जिससे.. नहीं छीनना यह किसीसे..! - मनोज 'मानस रूमानी' (समाज में लड़कियों की पढाई को लेकर लिखा हैं!)