गानेवालें सभी अपनी खूबी से गातें हैं ग़ज़ल
पर वे मेहदी हसन ही थे शहंशाह-ए-ग़ज़ल!


- मनोज 'मानस रूमानी'

(दिल को छू लेनेवाली आवाज़ में ग़ज़ल पेश करनेवालें मेहदी हसन साहब को १० वे स्मृतिदिन पर आदरांजलि!)

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