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Showing posts from June, 2023
नफ़रतें मिटें बस प्यार ही प्यार फैले इस जहाँ में.. मोहब्बतें खिलें ऐसे गुलशन-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में! - मनोज 'मानस रूमानी'
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  दूर से सही प्यार तो करो.. दिल से दिल मिले रहने दो! - मनोज 'मानस रूमानी'
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हुस्न-ओ-इश्क़ के दरमियान इज़हार-ए-मोहब्बत का.. गुलाब ही है कुदरत ने दिया हुआ सबसे हसीन ज़रिया.! - मनोज 'मानस रूमानी' ('रेड रोज डे' पर!)
एक बार जो सहा हैं दिल अलग होकर फिर वह घाव नहीं सह सकते टूट कर! - मनोज 'मानस रूमानी'
कभी अतीत उजागर करते तो कभी सियासत से.. यूँ ही भटक रहीं हैं अवाम न जाने किस दिशा में! - मनोज 'मानस रूमानी'
पुराने से नए भवन में वो जा रहें हैं.. पुराने दकियानूसी विचारों के जो है! - मनोज 'मानस रूमानी'  (वर्तमान राजकीय स्थिति पर!)