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Showing posts from December, 2023
किताबों की कहानियाँ होतीं रहेगी मुक़म्मल ज़िंदगी की कुछ रह जाती हैं अधूरी मुख़्तसर - मनोज 'मानस रूमानी'
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Thinking about life.. What life I spent.. It's not what I dreamt, It's not what I deserved! - Manoj 'manas roomani'
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आरज़ू-ए-इश्क़! आसमाँ में सब तऱफ चाँदनियाँ छा गई है.. हमारा हसीन तारा अब नज़र आए कहीं से! - मनोज 'मानस रूमानी'
मस्लक-ए-'इश्क़ जुदा रहता हैं उनका.. फ़लसफ़ा इश्क़ का जुदा रहता जिनका! - मनोज 'मानस रूमानी'
इश्क़ हो, इक़रार की गुंजाइश हो, तो इज़हार फ़ौरन हो नहीं तो ताउम्र अफ़सोस..इश्क़ मन में रहा ऐसा न हो ! - मनोज 'मानस रूमानी'
हुस्न-ओ-इश्क़ का पहला एहसास कभी नहीं भूल पाते आँखों से दिल में रहा पहला प्यार निकाल नहीं सकते! - मनोज 'मानस रूमानी'
पराये होकर भी दिल से पास होतें हैं कुछ रिश्ते ऐसे ही निभाए जातें हैं! - मनोज 'मानस रूमानी'
नज़रअंदाज़ करके मयस्सर प्यार को, होता एहसास.. नज़रअंदाज़ हुई मिल रही प्यार की ज़िंदगी..हमनफ़स! - मनोज 'मानस रुमानी'
जीवन जीना भी एक कला-कौशल हैं यही ज्ञात नहीं हुआ, बाकी रहे सीखते - मनोज 'मानस रूमानी'
शतरंज का खेल होती जा रही हैं अब राजनीति वज़ीर जिसमे हरतरफ़ खेले चाल जीतने बाजी! - मनोज 'मानस रूमानी'
जाना रिश्ते, दोस्ती, प्यार..जज़्बातों को काबू रखें इनमें ज्यादा लगाव परेशानी के सिवा कुछ भी नहीं देता इनमें - मनोज 'मानस रूमानी'
ऐसी हसीन कोई बेवजह रूठे..🤔 तो ग़ुलाब भी उसे कैसे मनाये?🌹 - मनोज 'मानस रूमानी'
फ़स्ल-ए-गुल भी तो हमेशा कहाँ हैं रहती, तो उमंग भरे माहौल में अब क्यों मायूसी! - मनोज 'मानस रूमानी'
रिश्तें प्यार के जब होतें बरक़रार रखनें.. हार-जीत के तब कोई मायने नहीं रखतें! - मनोज 'मानस रूमानी'