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Showing posts from March, 2020
जो कभी रूमानी लगती थी बारीश वो आज सूखी लगी! - मनोज 'मानस रूमानी'
दरबदर हुएं वो घर की फ़िक्र में अमीरों के महल खड़े करनेवालें - मनोज 'मानस रूमानी'
दिलों के दरवाजें शायद खुलें हैं.. उसमें प्यार से सफर किया जाएं! - मनोज 'मानस रूमानी'
इश्क़ के ग़ुलाबी रंग में जो हैं रंगें होली के सारे रंग उनको हैं फ़िके! - मनोज 'मानस रूमानी'