Posts

Showing posts from April, 2021
Image
We can see the Beautiful Life.. Only through the Path of Love - Manoj 'manas roomani'
Image
कोई रूमानियत से तो कोई इल्म से.. ज़िंदगी ज़िंदा दिली से जी कर गएँ वे - मनोज 'मानस रूमानी'   (अपने भारतीय सिनेमा के दो लाजवाब अदाकार.. ऋषि कपूर और इरफ़ान ख़ान को साल बाद याद करतें!)
Image
मुकद्दस दिन की यह सौग़ात है आज आसमाँ में पूरे चाँद का दीदार हैं आज कहते हैं होगा इसका गुलाबी रंग आज आलम-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ झूमेगा आज - मनोज 'मानस रूमानी'
दुनिया तरस खा रही है यहाँ पर मन की बात सुना रहें हैं यहाँ पर - मनोज 'मानस रूमानी'
झांक रहें हैं कई..ख्वाबों के झरोकों से माशूकाओं के दीदार की हसरत लिये - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
MY DEAR ANGEL.! Oh my Beautiful Angel, arrive here with your glory to brighten up my dull life! Oh my Beautiful Angel, arrive here with your love to bring back love in my life! Oh my Beautiful Angel, arrive here with your grace to create Heaven in my world! - Manoj 'manas roomani ' (Expressed my romantic emotions in this poem, on the occasion of Shakespeare's birth anniversary!)
कुछ फूल ख़िज़ाँ में भी हैं खिलतें🌹 मुरझा नहीं सकती पतझड़ जिन्हें🥀 - मनोज 'मानस रूमानी'
लोग 'विश्व किताब दिन' मनाते रहें हम ज़िंदगी पढ़ने में ही मसरूफ़ रहें! - मनोज 'मानस रूमानी'
किताब में ऐसी भी रूमानियत होती थी 💕 किसी के गुलाब की पंखुड़ियाँ आती थी 🌹 - मनोज 'मानस रूमानी' ('विश्व किताब दिन' पर!)
Image
देखने दुनिया का नज़ारा घूमते रहते हैं यहाँ सब भूल जाते हैं देखना ऐसा बूंद में समाया ये जहान - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
पहले हम तो पुनर्स्थापित हो फिर काबिल होंगे पुनर्स्थापित करने वसुंधरा को ख्याल रखेंगे की शादाब हो! - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'अर्थ डे, २०२१' की थीम 'रिस्टोर आवर अर्थ' पर यह हाइकू!)
लिखते रहेंगे जब तक हैं ज़िंदगी सिनेमा-कला पर हो या शायरी! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
फिर होगी यह फ़िज़ा ऐसी नसीम कि 'मानस' खिल उठेगी नर्गिस! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
दुनिया की विरासतों से बेहतर पास है हमारे प्यार की धरोहर देख कर यह हसीन ताजमहल करते हम इज़हार-ए-मोहब्बत - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'विश्व विरासत दिन' पर उसमें से एक हमारी शान ताजमहल को सलाम!)
Image
श्रृंगार की कलाएं दुनिया ने जहाँ से सीखीं वह खजुराहो कामुक शिल्पं ही हैं यहाँ की - मनोज 'मानस रूमानी' (आज के 'वर्ल्ड हेरिटेज डे', २०२१ की थीम 'कॉम्प्लेक्स पास्टस' पर लिखा!)
आशिक़ मिज़ाजों की ख़ैरियत ना पूछें 💖 हुस्नवालें जब अपनी अदाओंसे खेलतें 💃 - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
बारिश की बुँदे गिरी.. कुछ ठंडी हवा चली.. ज़मीन से ख़ुशबू आयी दिल रूमानी कर गयी! - मनोज 'मानस रूमानी'
नूर-ए-हयात सलामत रहे हर शब चाँद मुबारक रहे! -मनोज 'मानस रूमानी'
Image
हो नव वर्ष सुहावना! सांस्कृतिक विविधता के अपने भारत में चैत्र के आगमन से आतें नव वर्ष त्योहार      कहीं उगादी, विशु तो कहीं गुड़ी उभारतें है कहीं साजिबु चेरोबा कहीं चेतीचाँद, नवरेह   आबाद फसलें, बैसाखी मेले, भांगड़ा होतें हैं तो हर तरफ छाई हरियाली में बिहू के नृत्यं    - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
वस्ल-ए-यार अब बाहर नहीं दूर से..दिल से दिल होने दे शबाब कुछ वक़्त और सही.. नक़ाब में ही महफ़ूज़ रहने दे! - मनोज 'मानस रूमानी' (अब के हालातों के मद्देनज़र मैंने लिखा हैं!)  
तरसव्वुर में था कभी जहान प्यार का साथ हसीन, शायराना इश्क़ फ़रमाना - मनोज 'मानस रूमानी'
ज़िंदगी गुज़ार लेता है मकसद से कोई कमी तो है लेकिन हसीन हमनफ़स की - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
RISE AGAIN! Some time Autumn comes in life We fall down like flowers of tree But think, Spring also comes We can blossom again in it I remember those romantic days When there was Spring in life With the dreams of ideal life full of opportunities and love Oh, regret of losing them No, I will recreate them! - Manoj 'manas roomani'
जहाँ-ए-कलम मुतासिर आपके हुस्न से 💗 सुबह से शब-ब-ख़ैर हमारा वजूद इस से ✍ - मनोज 'मानस रूमानी'
सीखी नहीं जाती उर्दू आम तौर पर जान लेते है वह हो उससे इश्क़ ग़र - मनोज 'मानस रूमानी'