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Showing posts from October, 2023
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कोजागरी का चाँद होगा आज आसमान में हमारी महजबीं हमेशा दिल-ओ-दिमाग़ में! - मनोज 'मानस रुमानी'
कोजागरीचे चंद्रदर्शन आज नभात 🌝 आमची चंद्रमुखी नेहमीच मनात! 💗 - मनोज 'मानस रुमानी'
कोई हसीन ताउम्र मन में, कोई हमनफ़स दिल में अजीब दास्तान बनकर रह गई हैं ज़िंदगी हमारी! - मनोज 'मानस रूमानी'
ख़्वाब-ओ-ख़याल में आकर छूटे प्यार का देतें हैं एहसास शरीक-ए-हयात होने से हम से ही जो रह गए हमनफ़स! -  मनोज 'मानस रूमानी'
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आदाब अर्ज़ हैं! दिल में अब भी है शमा आप के लिए फिर आके इसे रोशन आप कीजिए दिल-नशीं हो इस अंजुमन की आप नूर-ए-हुस्न से अब रौनक बढ़ाइये दिलबर रही हो इस जान की आप समा के तस्कीन-ए-दिल कीजिए कबसे मायूस हैं यह दिल बिन आपके इसे फिर शादाब-ओ-शगुफ़्ता होने दे! - मनोज 'मानस रूमानी'
आँखों से उतर कर दिल में बसा वह हसीन रुख़ ही रहा मेरा पहला इश्क़! ज़माना बीता पर न बात, न कह सका 'ताउम्र बस आप ही तो रही मेरा इश्क़'! - मनोज 'मानस रूमानी'
मोहब्बत में सब जहाँ प्यारा लगता नहीं तो कुछ भी गवारा नहीं लगता - मनोज 'मानस रूमानी'
अपने जहाँ में अपनी मर्ज़ी से जो जीनी चाही थी वह ज़िंदगी मंज़िल पहुँचते-पहुँचते थम सी गयी - मनोज 'मानस रूमानी'
दिल-ओ-दिमाग़ की सफाई कब होंगी बाहरी स्वच्छता तो ख़ैर होती रहेंगी! - मनोज 'मानस रूमानी'
सूरज जब ढल जाता हैं ज़िंदगी की शाम होते ही चाँद तब आकर दिखाता हैं रूमानी समाँ हैं बाकी - मनोज 'मानस रूमानी'
उनके हुस्न-ए-नफ़ीस का ऐसा असर आशिक़ करे इश्क़ इबादत समझकर - मनोज 'मानस रूमानी'