Posts

Showing posts from February, 2023
Image
हसीन हो ज़िंदगी की ऐसी ईजाद.. कि हम उभर आए बनके कोहिनूर! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
अपने जहाँ से हम रुख़सत तो हुएं लेकिन दिलों से शायद नहीं हुएं! ठीक हैं अब अपनों में खुश दिखाना पर दिल की उलझन कैसे सुलझाए? - मनोज 'मानस रूमानी'
कशिश हमें ही छूटें हसीन लम्हों की तरफ़ उन्हें भी तो हो, इनमें जो थे कभी शरीक! - मनोज 'मानस रूमानी'
हुस्न की तारीफ़ में हो शाइस्तगी इश्क़ में भी तो होती है पाकीज़गी - मनोज 'मानस रूमानी'
सब कुछ तो पा लिया था तदबीर से; पर कहतें हैं ना खो दिया तक़दीर से! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
ताज के पास कभी यूँ थे दोस्त के साथ काश की कभी यूँ होते मेहबूबा के साथ! - मनोज 'मानस रूमानी' (आगरा में ताजमहल के यहाँ की बहुत साल पुरानी याद!)
Image
कभी यूँ बैठें थे दीवान-ए-ख़ास में.. जैसे की बैठें हो दीवान-ए-आम में! - मनोज 'मानस रूमानी' (हाल ही में आगरा किले के इस ऐतिहासिक जगह हुए कार्यक्रम के मद्देनज़र, हमारी बहुत साल पुरानी याद!)
याद तो उसकी हरदम जज़्बाती करती हैं.. ऐसा अटूट रिश्ता जिससे कभी बन गया हैं - मनोज 'मानस रूमानी'
शतरंज की बाजी हुई हैं सियासत जाल सब जगह फैलाएं हैं हुक्मरान - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
इसी दिन इस हसीन का जन्नत से तशरीफ़ लाना शायद इस जहान को ख़ूबसूरत रूमानी करना था! - मनोज 'मानस रूमानी' (अपने भारतीय सिनेमा की 'मलिका-ए-हुस्न' मुमताज जहां..मधुबाला की याद..उनकी ९० वी यौम-ए-पैदाइश पर!)
साथ चले थे कभी मिलकर हमनफ़स उड़ान भरते ही न हो सके हमसफ़र! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
खिलतें रहें यूँ गुल मोहब्बत के.. महकें फ़िज़ा प्यार भरी ख़ुशबू से - मनोज 'मानस रूमानी' (इन रूमानी दिनों के मद्देनज़र!)
लौट आएगी खोयी हुई वह बहार ज़िंदगी में इस आरज़ू में अर्से से हैं दश्त-ए-तन्हाई में! - मनोज 'मानस रूमानी'
Image
भाग्यशाली मी! गान सरस्वती यांच्या दरबारात.. जीवनातील असा हा सोनेरी क्षण! आपलेपणाने झालेली सुरीली बात, जीवन संगीताने भारावलेला क्षण! - मनोज 'मानस रूमानी' (माझा 'चित्रसृष्टी' संगीत विशेषांक 'स्वरसम्राज्ञी' लता मंगेशकर जी यांना दाखवल्यावर, कौतुकाने त्या पाहतानाचा सोनेरी क्षण आठवत.. त्यांस प्रथम स्मृतिदिनी माझी ही विनम्र शब्द सुमनांजली!) - मनोज कुलकर्णी
अब तो फ़स्ल-ए-गुल रास आएं हमें 🌹 दिल बेक़रार हैं खिलने को मुद्दत से 💗 - मनोज 'मानस रूमानी'