इसी दिन इस हसीन का जन्नत से तशरीफ़ लाना
शायद इस जहान को ख़ूबसूरत रूमानी करना था!

- मनोज 'मानस रूमानी'


(अपने भारतीय सिनेमा की 'मलिका-ए-हुस्न' मुमताज जहां..मधुबाला की याद..उनकी ९० वी यौम-ए-पैदाइश पर!)

Comments

Popular posts from this blog