हो नव वर्ष सुहावना!



सांस्कृतिक विविधता के अपने भारत में
चैत्र के आगमन से आतें नव वर्ष त्योहार 
 
 
कहीं उगादी, विशु तो कहीं गुड़ी उभारतें है
कहीं साजिबु चेरोबा कहीं चेतीचाँद, नवरेह
 

आबाद फसलें, बैसाखी मेले, भांगड़ा होतें हैं
तो हर तरफ छाई हरियाली में बिहू के नृत्यं 

 
- मनोज 'मानस रूमानी'

Comments

Popular posts from this blog