हुस्न-ए-बहार मुमताज जहां..मुख़ातिब हुई हो ऐसी..
तो ताजमहल पर शकील लाजवाब शायरी लिखेंगे ही


- मनोज 'मानस रूमानी'


(मशहूर शायर-गीतकार शकील बदायुनी जी के यौम-ए-पैदाइश पर, उनकी 'मलिका-ए-हुस्न' मधुबाला के साथ यह तस्वीर देखकर लिखा!)

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