तब जो दिन-ब-दिन साथ होते थे,
अब वो साल-दर-साल दूर ही रहे हैं
तब मेल-जोल के अपने दौर में थे,
अब बदलते वक़्त ने दूरियाँ दी हैं!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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