पंखुड़ियाँ, रंगत गुलाब की
वाबस्ता हैं आप के लबों से
खुशबू भी महकती गुल की
आप की हसीं तबस्सुम से!

- मनोज 'मानस रूमानी'


[आज के ऐसे खास दिन पर!]

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