ज़मीं पर यूँ ख़ूब इश्क़ बरसातें
बादल लगता दीवाना हो गया

हुस्नवालें कुछ पर है गुमसुम
आशिकों का जारी समां बाँधना


- मनोज 'मानस रूमानी'

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