बरसात में दुपट्टा सर पर लिए..
प्यारी नज़र से देखे..याद हैं कोई!
छूट गए ऐसे कई रूमानी लम्हें..
अपनी कोई याद दिलाती हैं कही!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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