प्यार कब-कहां-किससे हो जाए कैसे कहें
बाहरी ख़ूबसूरती, उम्र तो ख़ैर नज़रिया है
देखतें रूहानी सुंदरता, इल्म-ओ-हुनर भी
आख़िर में दिल से दिल के तार जुड़ना हैं


- मनोज 'मानस रूमानी'

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