आँखों से उतर कर हसीन
दिल में जब समा जाते हैं

दिमाग का कुछ न चलता
जज़्बात हावी हो जातें हैं

फ़िज़ूल फासले भूल कर
दिल प्यार कर बैठता है


- मनोज 'मानस रूमानी'

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