महज पत्तें नहीं होतें वे
पतझड़ में जो गिरतें हैं

दरअसल वो तरीका होता है
पेड़ फूलने का नये सिरे से!


सोचा, इस मंज़र से गुज़रते..
हम भी छोड़े ऐसी पुरानी बातें

जीने की नयी राह तराश लें..
अपनी ज़िंदगी हसीन कर ले!


- मनोज 'मानस रूमानी'

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