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कभी मिलकर ख़ूबसूरत पल गुजारें थे अब नहीं यहाँ वे साथी, वो हमनफ़स! अतीत के झरोखे में ही पल वह देखते यादों के सहारे अकेले बैठे हैं 'मानस'! - मनोज 'मानस रूमानी' पिछले रविवार को हमारे 'संज्ञापन और पत्रकारिता विभाग' (पुणे विद्यापीठ), रानडे इंस्टिट्यूट के 'एल्युमिनी मीट - २०२५' में बैठे हम! - मनोज कुलकर्णी