मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).
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रहनुमा!
तअस्सुफ़ हैं न जाना उसका सच्चा प्यार हुस्न-ए-तसव्वुर में जो हुआ नज़रअंदाज़ दश्त-ए-तन्हाई में यूँ न पड़े होते 'मानस' राह-ए-ज़िंदगी रहनुमा होती वो हमनफ़स!
- मानस रूमानी
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सेक्युलर इंडिया की शान थे आप 'मिसाइल मैन' जाने जाते थे आप उभरते वैज्ञानिकों की प्रेरणा थे आप बच्चे-युवा सभी के आदर्श थे आप! - मनोज 'मानस रूमानी' (हमारे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के पूर्व राष्ट्रपति 'भारतरत्न' डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी के जनमदिन पर उन्हें सलाम करते मैंने यह लिखा!)
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