मेरी शायरी वैसे ज़माने से वाबस्ता होती हैं..✍️ 
सिर्फ़ इसमें रूमानी बातें हुस्नपरी की होती हैं!🧚‍♀️ 



- मनोज 'मानस रूमानी'

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