जन्नत ने जमीन पर जहाँ..
नज़र किया हैं हसीन नज़ारा
सलामत रहें..कश्मीर अपना..
मोहब्बत के ग़ुल खिलानेवाला!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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