ख्यातनाम फ़ारसी 'रुबाइयात'कार उमर ख़ैय्याम साहब के जनमदिन पर उन्हें सलाम करतें मैंने लिखा है.. 

हो गर उमर ख़ैय्याम जी की इनायत 
और हो जाए हुस्नवाले भी महेरबान 
तो आबाद हैं कलम की रूमानीयत 
और होती रहेंगी हमारी रुबाई ख़ास 

 - मनोज 'मानस रूमानी'

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