
दो बार इस क़दर मेहरबाँ हुआ आसमाँ हमपर.. कि हुस्न और आवाज़ को किया जन्नत से पेश! - मनोज 'मानस रूमानी' ('मलिका-ए-हुस्न' मधुबाला की आवाज़ रही स्वरसम्राज्ञी लता मंगेशकर जी को उनके ९० वे जनमदिन पर मुबाऱकबाद!)
मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).