Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 27, 2020 कुसुमाग्रजांच्या कवितांचा तर्जुमा गुलज़ार करतात.. तेंव्हा मराठी आणि हिंदी ह्या भगिनी एकरूप होतांत! - मनोज 'मानस रुमानी' Read more
Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 26, 2020 कहतें थे तुझको दिलवालों की दिल्ली क्या हालत कर दी सरफिरों ने तेरी! - मनोज 'मानस रूमानी' Read more
Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 24, 2020 दुनियाँ में मोहब्बत की अनोखी मिसाल हैं यह.. दिल-ओ-जान से प्यारा हमारा ताज़महल हैं यह! - मनोज 'मानस रूमानी' (तीस साल पुरानी मैंने वहां ली हुई तस्वीर!) Read more
Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 24, 2020 मोहब्बत का हमारा असली ताज़ देखकर कैसीनोवालें आएं हुएं शायद हैं शर्मसार! - मनोज 'मानस रूमानी' Read more
Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps February 14, 2020 हुस्न-ए-जन्नत ऐसा होता है मेहरबाँ कभी.. जमीं पर उतरती हैं तब हुस्नपरी ऐसी कभी! - मनोज 'मानस रूमानी' {'मलिका-ए-हुस्न' मुमताज़ जहाँ 'मधुबाला' के जनमदिन पर!} Read more