पूरी होतीं है जब प्यार की बातें..
लफ्ज़ भी नहीं रहतें फ़िर सुनाने
मिलतें हैं तब सिर्फ़ होठों से होठ
इश्क़ तब अपने चरम पर होता है


- मनोज 'मानस रूमानी'


('किस डे' पर!)

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