
कोई मरासिम नहीं उनसे फिर भी कुछ उन्स सा है हालत-ए-हिज्र ना कहेंगे फिर भी दिल तन्हा सा है - मनोज 'मानस रूमानी' [मरासिम=रिश्ता, उन्स=लगाव, हिज्र=वियोग]
मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).