ज़र्द-सहाफ़त के इस खुशामदी दौर में 👏
चल रहीं हैं आज़ाद क़लम मुश्किल से 🤔
- मनोज 'मानस रूमानी'✍️
['विश्व प्रेस आजादी दिवस' पर!]
(ज़र्द-सहाफ़त = सनसनीखे़ज़ पत्रकारिता!)
चल रहीं हैं आज़ाद क़लम मुश्किल से 🤔
- मनोज 'मानस रूमानी'✍️
['विश्व प्रेस आजादी दिवस' पर!]
(ज़र्द-सहाफ़त = सनसनीखे़ज़ पत्रकारिता!)
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