रूमानी सितंबर देखों हैं आया..
दिलकश समाँ..ख़ूबसूरत फ़िज़ा
छोड़ें नफरतें..भूल जाएं फ़िक्र..
प्यार करें..मौसम हैं आशिकाना

- मनोज 'मानस रूमानी'

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