पहला हसीन प्यार!

जब भी रु-बरु हुएं..बात तो हो न सकी
कुछ हमारे उसूल..कुछ उनकी जल्दी!


जुस्तुजू थी यहाँ..और इक़रार वहां भी
रिवाज़ों पर चलती..वह बिदा हो गयी!


उम्र गुज़री लेकिन..दिलो दिमाग वहीँ
प्यार से संभाले..हसींन यादें ही सहीं.!

- मनोज 'मानस रूमानी'

 (On teenage first love!)

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