
जा रहा हैं पुराना होकर अब ये साल भी.. था नया लेकर आया उम्मीदों भरा ये भी! ज़िंदगी का सफर चल तो रहा हैं वैसे भी.. मंज़िल की तलाश में हैं मुसाफ़िर अब भी! - मनोज 'मानस रूमानी'
मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).