रहनुमा! तअस्सुफ़ हैं न जाना उसका सच्चा प्यार हुस्न-ए-तसव्वुर में जो हुआ नज़रअंदाज़ दश्त-ए-तन्हाई में यूँ न पड़े होते 'मानस' राह-ए-ज़िंदगी रहनुमा होती वो हमनफ़स! - मानस रूमानी
मेरे इस 'शायराना' ब्लॉग पर मैं..'मनोज 'मानस रूमानी' इस नाम से मेरी शायरी लिख रहां हूँ! - मनोज कुलकर्णी (पुणे).