आज की कोजागरी पूर्णिमा के अवसर पर चाँद पर मेरे शेर यहाँ पेश कर रहां हूँ! 

डूबता सूरज़ देखकर नाव में यह सफ़ऱ 
होगा हसीन जब पास होगा मेरा चाँद!

- मनोज 'मानस रूमानी'

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