सलामत रहे!

"पढ़ना, लिखना, संगीत, कलाएँ..
अच्छे ख़ूबसूरत ज़िन्दगी के लिए
इंसानियत, प्यार फ़ैले जिससे...
नहीं छीनना यह किसीसे...!"

- मनोज 'मानस रूमानी'

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