सूरज़ डूबता समंदर का नज़ारा इंतज़ार है बस मेरे चाँद का.! 🎑 - मनोज 'मानस रूमानी'
Posts
Showing posts from September, 2021
- Get link
- X
- Other Apps
तसव्वुर-ए-जानाँ! उम्र के हर मोड़ पर.. रूबरू हुएं हसीन रुख़ नासमझ उम्र में कभी महज आकर्षण था वह जवानी की दहलीज़ पर कभी था पहला प्यार वह सयाने शायद जब कभी हुए रहे ढूंढ़ते दिलकश प्यार वह इल्म-ओ-अदब की शान में नज़रअंदाज़ हुआ प्यार वह शग़ल की मसरूफ़ियत में कहीं खो सा गया प्यार वह समझे ज़िंदगी की शाम में.. छूटा सच्चा रूहानी प्यार वह - मनोज 'मानस रूमानी'