ईर्ष्या, मुक़ाबला ये अल्फ़ाज़ नहीं आतें
ऐसे जज़्बाती क़लमकारों की दोस्ती में
खिलखिलाती हैं शेर-ओ-शायरी प्यार की
महफ़िल इन सुख़नवरों की जब सजती हैं!
- मनोज 'मानस रूमानी'
(मशहूर लेखक-शायर जावेद अख़्तर जी पर लिखी गई किताब 'जादूनामा' का विमोचन हालही में जानेमाने
लेखक-शायर गुलज़ारजी के हाथों हुआ। तब इन दो दिग्गजों के बीच की गहरी
दोस्ती की जैसे महफ़िल खिली थी! उसपर उनको मुबारक़बाद देते हुए मैंने लिखा!)
'शायर-ए- महफ़िल' से सम्मानित! आदाब/नमस्कार! आपको यह जानकारी देते हुए ख़ुशी होती है कि, हाल ही में मुझे 'अंजुमन' की जानिब से (हिंदी-उर्दू काव्य में उत्कृष्टता के लिए) 'शायर-ए-महफ़िल' ख़िताब से नवाज़ा गया! 'अंजुमन' की चौथी वर्षगांठ पर पुणे में आयोजित समारोह में मान्यवर शायर श्री. असलम हसन जी के हाथों से यह पुरस्कार मुझे दिया गया! इस लिए 'अंजुमन' के अध्यक्ष श्री. महेश बजाज (शायर अंजुम लखनवी) जी का मै शुक्रगुज़ार हूँ! - मनोज कुलकर्णी (मानस रूमानी)
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