शाल ओढ़े दिन में कभी शायरी लिखना
रूमानी यादों के लिहाफ़ में शब गुज़ारना
सहर होते ही अदरक की चाय, कभी सैर
सर्द मौसम में कुछ ऐसा मिज़ाज हमारा!

- मनोज 'मानस रूमानी'

Comments

Popular posts from this blog